बस चेहरे बदलते हैं

नाटक तो वो ही रहता है , बस चेहरे बदलते हैं।
खेल तो वो ही रहता है , बस मोहरे बदलते हैं।
सागर तो वो ही रहता है , बस लहरें बदलते हैं।
समय तो वो ही रहता है , बस पहरे बदलते हैं।


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