आँखों से शिकार

वो अपनी आँखों से शिकार करती हैं.
पलकें उठाकर गिरफ़्तार करती हैं.
और पलकें गिराकर वार करती हैं.
ये कत्ले-आम वो, सरे-बाज़ार करती हैं.


Comments

Popular posts from this blog

एक हाँ कहते कहते

कभी तो वो दिन आएगा, कभी तो वो रात आएगी