Love again Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps By Pranav Kumar - November 20, 2014 In my heart the same blood drain. Let me feel the same pain. I don't know why I can't restrain. I just want to Love again. Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
एक हाँ कहते कहते By Pranav Kumar - August 20, 2016 पल में ना ठहर जाए, समय बहते बहते। तेरा हाँथ ना छूट जाए, साथ रहते रहते। साथी ना रूठ जाए, इनकार सहते सहते। बहुत देर ना हो जाए, एक हाँ कहते कहते। Read more
आँखों से शिकार By Pranav Kumar - November 13, 2011 वो अपनी आँखों से शिकार करती हैं. पलकें उठाकर गिरफ़्तार करती हैं. और पलकें गिराकर वार करती हैं. ये कत्ले-आम वो, सरे-बाज़ार करती हैं. Read more
कभी तो वो दिन आएगा, कभी तो वो रात आएगी By Pranav Kumar - December 08, 2019 ना तुम मेरे दिल के तूफान को समझ सकते, ना मै तेरी आंखों के प्यास को समझ सकती। तुम प्यासे हो पर कुछ बोल नहीं सकते, मै प्रेम से भरी हूं पर कुछ दे नहीं सकती। किंतु तुम कतई भी विचलित ना होना प्रिये! कभी तो वो दिन आएगा, कभी तो वो रात आएगी। Read more
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